UPSC MOTIVATIONAL POEM

 


आना-जाना छोर चुके, पर्वो से नाता तोड़ चुके।

रखकर पत्थर अपने दिल पर, घर से मुख है मोर चुके।

किसका दिल करता है यारों घर का सुख चैन गवाने को,

फिर भी घर हम छोड़ आए हैं जीवन सफल बनाने को।


नैन में मां के बस्ता सपना मैं अब काबिल बन जाऊं,

कर-कर चिंता बुढ़ी हो गई कभी तो खुशियां दिखलाउ।


बाप से मेरे चला ना जाता फिर भी काम को जाता है,

मेरा खर्चा भेजवाने को रोज कमा कर लाता है।


छत वो घर की टपक रही है जिसके नीचे सोते हैं,

जब-जब बाहर हुआ मेरिट से मुझसे ज्यादा रोते हैं।


पता है तुमको पता है रब को मेहनत में मेरे कमी नहीं,

वो जीवन क्या जीवन यारों जो किस्मत से ठनी नहीं।


माना चलती कठिन परीक्षा मेहनत मेरा हथियार है,

गुरुओं से लेकर शिक्षा अर्जुन रण को तैयार है।


सब्र का मैया बांध न टूटे गला किस्मत का घोंटूगा,

बस चंद महीने बाकी है मैं DSP होके लौटूंगा,

मैं सफल होके लौटूंगा।।


~अब्दुल सलाम

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