कॉल रिकॉर्डिंग से संबंधित क़ानून
कॉल रिकॉर्डिंग से संबंधित कानून
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~प्रयागराज |
कुछ विशेष मामलों में कॉल रिकॉर्डिंग अपराध नहीं माना गया है। ऐसा उन स्थितियों में है, जहां यदि सार्वजनिक आपात अथवा लोकसुरक्षा के लिए कॉल रिकॉर्ड किया जाना आवश्यक हो। ऐसी स्थिति में इसे अपराध नहीं माना गया है। किंतु ऐसा करने के लिए सक्षम संस्था की अनुमति आवश्यक है।
निजता का अधिकार संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए प्राण व दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार मे सम्मिलित है। इस संबंध मे पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज वर्सेस यूनियन आफ इंडिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीफोन टेप करने को व्यक्ति के निजता के अधिकार में सीधा हस्तक्षेप करार दिया था।
रचाला एम भुवनेश्वरी Vs नाफंदर रचाला के मामले में पति की ओर से दायर विवाह विच्छेद याचिका में पति ने कोर्ट में पत्नी की उसके माता-पिता एवं दोस्त की बातचीत से संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग पेश की थी। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद- 21 के अंतर्गत इसे पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन माना।